नीमच: नीमच की सबसे जटिल समस्या बंगला बगीचा समस्या को लेकर एक बार फिर बंगला बगीचा संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट अमित शर्मा द्वारा बयान जारी किया है । उनके द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ट नेताओ से यह सवाल पूछा है कि क्या बंगला बगीचा क्षेत्र में निवास करने वाले लोग मोदी जी का परिवार नहीं है ! जिस प्रकार का व्यवहार बंगला बगीचा क्षेत्र की जनता के साथ भारतीय जनता पार्टी के नेताओ एवम जनप्रतिनिधियों का रहा है उससे स्पष्ट है कि वह बंगला बगीचा समस्या का समाधान स्थानीय नेता नहीं चाहते हैं। नगरीय निकाय चुनाव में विधानसभा चुनाव में बंगला बगीचा क्षेत्र की जनता ने भाजपा पर विश्वास जताया था और भाजपा को बहुमत भी दिया परंतु चुनाव के नतीजे आते ही भाजपा के नेता एवम स्थानीय जनप्रतिनिधि क्षेत्र की जनता को किया गए वादे भूल गए और जनता को बदहाली में जीने के लिए मजबूर कर दिया है । जिस प्रकार से काला कानून बनाकर जनता पर थोपा गया है और उसे लागू करने के लिए पूर्व में विज्ञप्ति जारी की गई थी उस प्रकार की स्थिति लोकसभा चुनावों के बाद वापस बनेगी और जनता पर यह काला कानून थोपा जायेगा ।
बंगला बगीचा क्षेत्र की जनता ने हमेशा से ही भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर विश्वास जताया परंतु बदले में उन्हें सिर्फ धोका मिला और आगे भी यही संभावना है । एक और जहां देश के प्रधानमंत्री अवाशहीनों को घर उपलब्ध कराने में लगे हैं वहीं बंगला बगीचा क्षेत्र की जनता के ऊपर काला कानून थोप कर उन्हे व्यवस्थापन करवाने को मजबूर किया जा रहा है । इस क्षेत्र की जनता जिन भूमियों पर काबिज है वह न तो कब्जा करी गई है और न ही जबरन हाथियाई गई है फिर बंगला बगीचा वासियों के साथ ऐसा सलूक क्यों ? सब यह भी जानते हैं कि बंगला बगीचा क्षेत्र की जनता आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी जी को देखकर फिर भाजपा को वोट दे देगी पर हमारे स्थानीय नेता कब बंगला बगीचा वासियों के दुख तकलीफ को समझेंगे । इस संबंध में एडवोकेट अमित शर्मा द्वारा माननीय मोदीजी को भी एक पत्र प्रेषित किया जा रहा है एवम सारी परिस्थितियों से उन्हें अवगत करवाकर यही सवाल पूछा है कि क्या बंगला बगीचा क्षेत्र की जनता मोदी का परिवार नहीं है ?
