हिमालय साहित्य मंच द्वारा शिमला में कवयित्री डॉ. प्रेरणा का सम्मान, महामहिम राज्यपाल के हाथों हुई सम्मानित

नीमच: हिमालय साहित्य एवं संस्कृति मंच द्वारा शिमला में नीमच निवासी कवयित्री डॉ. प्रेरणा ठाकरे परिहार को साहित्य सृजन में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया है। शिमला के प्रसिद्ध गेयटी थियेटर में आयोजित गरिमामयी समारोह में महामहिम राज्यपाल श्री शिवप्रसाद शुक्ल के हाथों यह सम्मान प्रदान किया गया। समारोह में देश की पांच महिला रचनाकारों को सम्मानित किया गया। जिनमें वरिष्ठ लेखिका डॉ.नलिनी विभा ‘नाज़ली‘, डॉ.प्रेरणा ठाकरे, डॉ. देवकन्या ठाकुर, दीप्ति सारस्वत ‘प्रतिमा‘ और डॉ.देविना अक्षयवर शमिल हैं। राज्यपाल के साथ पूर्व आई.ए.एस अधिकारी व लेखक श्रीनिवास जोशी, प्रख्यात लेखक हिमालय साहित्य एवं संस्कृति मंच के अध्यक्ष डॉ. एसआर हरनोट ने मंच साझा किया। साहित्य सम्मान से अलंकृत होने के बाद सभी रचनाकारों ने रचना पाठ भी किए।

इस अवसर पर राज्यपाल श्री शिवप्रसाद शुक्ल ने कहा कि हिमालय साहित्य मंच द्वारा आयोजित ‘महिला रचनाकार सम्मान समारोह‘ कई अर्थों में महत्वपूर्ण है। एक घर से लेकर सृष्टि की अवधारणा तक, केन्द्र में नारी ही है। मुझे प्रसन्नता है कि वर्तमान में नारी न केवल पितृसत्ता के दायरे से बाहर आ रही है बल्कि उसने पुरूषों के बराबर स्वयं को स्थापित किया है। यही कारण है कि हिन्दी साहित्य में आज स्त्री विमर्श प्रमुखता से विद्यमान है। हिमालय मंच विशेषकर मंच के अध्यक्ष एस.आर.हरनोट, जो न केवल एक जानेमाने लेखक ही है बल्कि सामाजिक कार्यकर्ता भी है, बधाई के पात्र हैं कि आज का यह साहित्यिक उत्सव ‘‘नारी सम्मान‘‘ को समर्पित किया है। एक लेखक अपने साहित्य के साथ साथ अपनी संस्कृति और परम्पराओं को बचाने के लिए बड़ा काम कर सकता है और उसे करना भी चाहिए। जहां अच्छा हो रहा है उसकी प्रशंसा जरूरी है और जहां आपको कोई शोषण अन्याय दिख रहा है वहां बोलना जरूरी है। श्री हरनोट इसके उदाहरण हैं। हिमालय मंच पिछले कई सालों से साहित्य संस्कृति और पर्यावरण के लिए समर्पित है।
इस सम्मान सत्र का मंच संचालन हिमाचल साहित्य अकादमी के पूर्व सचिव व लेखक डॉ.कर्म सिंह द्वारा कुशलता से किया गया। सम्मान समारोह के पूर्व सत्र में एक बजे से चार बजे तक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें शिमला सहित हिमाचल और अन्य राज्यों के लेखक, कवि-कवयित्रियों ने अपनी रचनाएं पढ़ीं। इस सत्र की अध्यक्षता उच्च अध्ययन संस्थान शिमला में बतौर नेशनल फेैलो काम कर रहे डॉ.आनंद कुमार ने की जबकि विशिष्ट अतिथि डॉ.हेमराज कौशिक, डॉ मस्त राम और डॉ.सत्य नारायण स्नेही थे।

गौरतलब है कि डॉ.प्रेरणा ठाकरे की मूल भाषा मराठी है जबकि वे पिछले लगभग 25 सालों से हिन्दी की मंचीय कविता में बेहद सक्रिय हैं और अपने प्रदेश में लोकप्रिय हैं। हिन्दी साहित्य में पी.एच.डी डॉ0 प्रेरणा ठाकरे शासकीय कॉलेज में हिन्दी की अतिथि आचार्य हैं। उनकी अबतक कविता और गज़लों की चार और कहानी की एक पुस्तक प्रकाशित हैं। वे कई राज्य सम्मानों से अलंकृत हैं।

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