बेंगलुरु: वह दो दशकों से अधिक समय से पुलिस की पकड़ से दूर था. आखिरकार, जब अदालत ने इस बात पर ध्यान दिया, तो पुलिस जोर शोर से कार्रवाई में जुट गई. उन्होंने ओवरटाइम किया और सभी कड़ियों को जोड़ा. लेकिन वे तब दंग रह गए जब उन्होंने आरोपी को उसके वर्तमान स्थान पर ट्रैक किया. वह जगह थी अदालत परिसर के अंदर स्थित एक कैंटीन.
टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार देवेगौड़ा डी उर्फ चंद्रू को 1997 में एक पार्क किए गए ट्रक से म्यूजिक स्टीरियो चुराने के आरोप में अब गिरफ्तार किया गया है. देवेगौड़ा को 21 साल की उम्र में उसके सहयोगी के साथ गिरफ्तार किया गया था और आईपीसी की धारा 379 (चोरी) के तहत मामला दर्ज किया गया. कुछ बार अदालती सुनवाई में भाग लेने के बाद, देवेगौड़ा लापता हो गया. उसके बाद से पुलिस द्वारा उसका पता लगाने के प्रयास व्यर्थ हो गए. पुलिस के मुताबिक, वे हसन जिले में उसके पैतृक स्थान अलूर भी गए थे, लेकिन उऩके हाथ खाली रहे.
कैसे हुई पुलिस चुस्त
इस बीच, एक स्थानीय अदालत ने देवेगौड़ा और उनका पता लगाने के लिए लगाई गई पुलिस टीम के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया. सबसे पहले टीम ने अलूर का दौरा किया और उसके बारे में जानकारी जुटाई. इस बार पुलिस उसके मोबाइल नंबर पता लगाने में सफल रही. पुलिस देवेगौड़ा को सचेत करने वाली कोई भी हरकत नहीं करना चाहती थी, इसलिए उसका पता लगाने के लिए ट्रैकिंग तकनीक का इस्तेमाल किया. जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो वह केम्पे गौड़ा रोड पर स्थित सिटी सिविल और सेशन कोर्ट के बेसमेंट में स्थित कैंटीन में था. वहां देवेगौड़ा सहायक के तौर पर काम करता था.
क्या कहा आरोपी ने पुलिस से
देवेगौड़ा के मुताबिक, उसे अपने खिलाफ जारी वारंट की जानकारी नहीं थी. उसने पुलिस को बताया, “कुछ बार सुनवाई में भाग लेने के बाद, मेरे वकील ने मुझसे कहा कि वह इस मामले की देखरेख करेगा और मुझे हर बार इसमें शामिल होने की आवश्यकता नहीं है. इस बीच, मेरा भी वकील से संपर्क टूट गया.”
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FIRST PUBLISHED : December 8, 2023, 11:23 IST