UPSC की तैयारी बहुत कुछ सिखा देती हैं। इसका पाठ्यक्रम बहुआयामी है, जिसकी तैयारी से गुजरते हुए अभ्यर्थी का चाहे-अनचाहे जागरूकता का स्तर बढ़ जाता है और व्यवहार सामाजिक मूल्यों से सुसंगत होने लगता है। यह परीक्षा अभ्यर्थियों में जीवन की समझ विकसित करते हुए उसे आसान कर देती है। आज के इस लेख में आप UPSC की तैयारी के फायदों के बारे में जानेंगे। जानकारी साझा की है देश की सर्वश्रेष्ठ कोचिंग संस्कृति IAS Coaching के CEO श्री शिवेश मिश्रा सर ने।

सर का UPSC के क्षेत्र में विशिष्ठ अनुभव है। सर लम्बे समय तक दृष्टि IAS कोचिंग में भी CEO रहे हैं, जिसे छोड़कर वर्तमान में संस्कृति IAS के CEO हैं। यह कोचिंग दिल्ली के मुख़र्जी नगर से संचालित हो रही है, जिसकी एक शाखा प्रयागराज में भी है।
सर से प्रश्न है कि UPSC की तैयारी से होने वाले चयन के साथ इसकी जीवन में क्या उपयोगिता है?
सर ने बताया कि UPSC की तैयारी का सबसे पहला और बड़ा लाभ है कि चयनित व्यक्ति को देश के प्रतिष्ठित पदों पर पहुँचने का अवसर मिलता है, जो जीवन में बड़ा बदलाव लाता है। तैयारी अभ्यर्थी को इतना कुछ सिखा देती है कि उसकी लाइफ क्वालिटी और लाइफ स्टाइल प्रभावी हो जाती है। अभ्यर्थियों से आयोग की अपेक्षाएं उच्च कोटि की हैं चूँकि आयोग को ऐसे अभ्यर्थियों को चुनना होता है जो देश को संभाल सके। देश को सँभालने के उद्देश्य से तैयारी करने वाला अभ्यर्थी खुद को और परिवार को सँभालने में सक्षम हो ही जाता है। सर ने ऐसे कुछ गुणों का जिक्र किया, जो तैयारी के दौरान परिपक्व होने लगते हैं-
- क्या करने योग्य है क्या नहीं की बेहतर समझ
- नैतिक मूल्य; जैसे-सहानुभूति, अनुशासन आदि
- सटीक निर्णयन क्षमता
- संचार कौशल में निपुणता
- धैर्य पूर्वक सुनने, समझने की क्षमता
- भावनात्मक रूप से परिपक्वता
- संतुलित प्रतिक्रिया; आदि
सर कहते हैं कि उक्त गुण सभ्य नागरिक की पहचान होते हैं। परीक्षा उत्तीर्ण करने के उद्देश्य से अभ्यर्थी में उक्त गुण आत्मसात हो जाते हैं। सर ने अभिभावकों को एक सन्देश भी दिया है कि भले ही आपके बच्चों का अधिकारी के कुछ इतर बनने का सपना हो कुछ समय निकालकर उन्हें एक बार UPSC की तैयारी का सफ़र अवश्य करा दें।