नीमच: शहर की अग्रणी साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था कृति ने राष्ट्र पिता महात्मा गांधी और देश के दूसरे प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें नमन कर स्थापना दिवस मनाया। 2 अक्टूबर को राष्ट्र पिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की जयंती पर गांधी वाटिका में एकत्रित होकर कृति परिवार ने उनके कार्यों को याद किया और देश में अमन, प्रेम, भाई-चारा और शांति का संदेश देने के लिए दोनों महापुरुषों के महान कार्यों को याद किया। सभी सदस्यों ने मिलकर महात्मा गांधी के प्रिय भजन वैष्णव जन तो तेने कहिए जे पीर पराई जाने रे..का गायन किया। इसके साथ ही कृति संस्था का स्थापना दिवस पर भी मनाया गया। इस अवसर पर कृति अध्यक्ष इंजीनियर बाबूलाल गौड़, सचिव महेंद्र त्रिवेदी, प्रकाश भट्ट, दर्शन सिंह गांधी, किशोर जेवरिया, डॉ माधुरी चौरसिया, आशा सांभर, मुकेश कासलीवाल, गणेश खंडेलवाल, डॉ जीवन कौशिक, रघुनंदन पाराशर, शरद पाटीदार, तेज सिंह जैन, डॉ अक्षय राजपुरोहित, घनश्याम अंब, योगेश पाटीदार, दिलीप दुबे ने श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। श्री जेवरिया एवं डॉ चौरसिया ने अपने विचार भी व्यक्त किए और कहा कि कृति संस्था इस शहर ही नहीं बल्कि मालवा अंचल की एकमात्र संस्था है जो साहित्यिक, सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्र में सतत् 33 वर्षों से सक्रियता से कार्य करती चली आ रही है। कृति के मंच पर विश्व विख्यात कलाकारों, देश के ख्यातनाम साहित्यकारों ने शिरकत की है। कृति ने सामाजिक सरोकारों से शहर, देश और समाज के कई ज्वलंत मुद्दों को समय-समय पर उठाया है और उन्हें अंजाम तक पहुंचाने का प्रयास किया है, जिसमें मुख्य रूप से चंबल का पानी, खेल मैदान, टाउन हॉल, यातायात, चिकित्सा, मिलावटखोरी, बढ़ती आत्महत्या आदि कई समस्याएं शामिल है। इन मुद्दों को उठाकर कृति ने निदान करने का प्रयास किया है। कृति ने आज के इस पावन अवसर पर शहरवासियों को बधाई देते हुए कहा कि समस्याओं को हल करवाने में कृति का साथ दीजिए। कृति जनता की आवाज बनकर निरंतर कार्य करती रहेगी।
